‘‘बी.पी.एल. सेन्सस, 2002’’ के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों का सही अभिज्ञान एवं चयन करने के लिए यह आवश्यक है कि इसकी कार्यविधि एवं मार्गदर्शिका की समुचित एवं विस्तृत जानकारी जन-मानस तक पहुंचाई जावे।
मुख्यमंत्री महोदय की ओर से जारी संदेश के पम्फलेट्स जिला स्तर पर तैयार करवाकर मुद्रित सामग्री के द्वारा ‘‘बीपीएल सेन्सस, 2002’’ की जानकारी पहुंचाने के लिए दिनांक 30.6.2003 तक विशेष रूप से कार्यवाही की जावे।
जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए समाचार-पत्रों इत्यादि मीडिया को भी उपयोग में लिया जावे।
प्रचार-प्रसार के लोक साधन जैसे- डोंडी पिटवाना, माईक से घोषणा कराना, गाँव में नाटक, खेल तमाशे, मेले का आयोजन इत्यादि विधियों से भी जिले में समुचित प्रचार-प्रसार किये जाने की व्यवस्था की जावे। प्रचार-प्रसार की उपरोक्त वर्णित कार्य के लिए जिन जिलों में भारत सरकार द्वारा आई.ई.सी. कार्यक्रम के लिए धनराशि उपलब्ध करायी हुई है, उसमें से राशि व्यय की जा सकती है। इसी प्रकार जिले में चल रहे अन्य अभियानों से भी डोवटेलिंग की जा सकती है।
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